What is Pencil Therapy

Pencil Therapy Intro पेंसिल थेरेपी क्या है?

पेंसिल थेरेपी क्या है ? What is pencil therapy??

पेंसिल थेरेपी pencil therapy शारीरिक दर्द और मानसिक तनाव के निवारण की एक सरल पद्धति है। इस थेरेपी से अकुप्रेसर, अकुपंचर, सु-जोक, रेफ़्लेक्सोलोजी, इत्यादि के लाभ मिलते हैं लेकिन इसे सीखना और करना अत्यंत आसान है। जिनके शरीर में दर्द या तनाव हो उन्हें यह थेरेपी pencil therapy करते समय अपनी उंगली पर दर्द का अनुभव होगा। थेरेपी करने से उन्हें दर्द और तनाव से राहत मिलेगी।

पेंसिल थेरेपी करने के क्या लाभ है ?

पेंसिल थेरेपी pencil therapy करने से दर्द से पीड़ित व्यक्ति को दर्द में राहत मिलती है और मानसिक तनाव ग्रस्त को तनाव से मुक्ति मिलती है। जिस व्यक्ति के शरीर में दर्द न हो उसे हलकापन या स्फूर्ति का एहसास होता है / नई ऊर्जा का संचार हुआ है ऐसा मालूम होता है। कई प्रकार की बीमारियों में पेंसिल थेरेपी pencil therapy से लाभ लिया जा सकता है। यदि कोई डाक्टरी दवा शुरू हो तो उसे बिना अपने डाक्टर के सलाह के बंद नहीं करना चाहिए।

पेंसिल थेरेपी करते समय कितना दर्द होता है?

पेंसिल थेरेपी pencil therapy करते समय दर्द से पीड़ित व्यक्ति को उंगली में असहनीय दर्द का अनुभव होता है। जिसके शरीर में अधिक दर्द हो उन्हें उंगली पर भी अधिक दर्द होगा और जिनके शरीर में दर्द कम हो उन्हें उंगली पर दर्द कम होगा। स्वस्थ व्यक्ति को सहनीय या साधारण दर्द होता है।

पेंसिल थेरेपी सीखने के लिए क्या जानकारी होना आवश्यक है?

यह थेरेपी बहुत ही आसान है। इसे कोई भी सीख और कर सकता है। इसे सीखने और करने के लिए पढ़ा लिखा होना आवश्यक नहीं है।

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पेंसिल थेरेपी कैसे की जाती है?

बेलनाकार पेंसिल को हाथ और पैर की उँगलियों पर अंगूठे से थोड़े से दबाव के साथ घुमाया जाता है। पेंसिल को उँगलियों के चार साइड और चार कोनों पर घुमाया जाता है। नाखूनों पर पेंसिल नहीं घुमाते हैं। नाखून को छोड़कर बाकी सारी उंगली पर पेंसिल घुमाई जाती है।

पेंसिल थेरेपी कब की जा सकती है?

पेंसिल थेरेपी भोजन के एक घंटा पहले या दो ढाई घंटे बाद की जा सकती है। स्नान के एक घंटे पहले या एक घंटे बाद भी की जा सकती है। पेंसिल थेरेपी कैसी

उँगलियों पर की जा सकती है?

पेंसिल थेरेपी pencil therapy करने से पहले यह देख लेना चाहिए कि जिन उँगलियों पर पेंसिल घुमाना है वे उँगलियाँ स्वस्थ है। उँगलियाँ कटी फटी न हो; उनपर कोई घाव या फोड़ा फुंसी या चोट न लगी हो; जिन उँगलियों में पहले से ही दर्द हो उनपर पेंसिल थेरेपी नहीं करनी चाहिए।

क्या महिलाओं को भी पेंसिल थेरेपी की जा सकती है?

गर्भवती महिलाओं को पेंसिल थेरेपी का उपचार नहीं देना चाहिए।
यदि कोई महिला मासिक धर्म में हो तो उन्हें पूरी पेंसिल थेरेपी नहीं देना चाहिए। यदि उन्हें कोई दर्द हो तो उस दर्द का उपचार किया जा सकता है। जैसे कि यदि सर दर्द हो या और कोई दर्द हो तो उस दर्द के निवारण के लिए जितना उपचार देना आवश्यक हो उतना उपचार देना चाहिए।

पेंसिल थेरेपी की क्या विशेषताएँ हैं?

  • यह थेरेपी बहुत ही आसान और तुरंत आराम देने वाली है।
  • इसे कभी भी, कहीं भी किया जा सकता है।
  • इस थेरेपी को करने के लिए एक छोटे से बेलनाकार पेंसिल के टुकड़े की आवश्यकता होती है, जो कहीं भी, किसी को भी सहजता से उपलब्ध हो सकता है।
  • इसका कोई नेगेटिव साइड इफैक्ट भी नहीं है।
  • यह पद्धति पूर्णतया पारदर्शी है।
  • यदि शरीर में दर्द या तनाव हो तो ही उँगलियों पर दर्द होता है, अन्यथा नहीं।